प्याज मे आयेगी तेजी… प्याज की मांग बढेगी और निर्यात होगी शुरु – नासिक जिले की प्रमुख प्याज मंडियों, लासलगांव और पिंपलगांव बसवंत, में इन दिनों चक्रवात ‘वि दवा’ के संभावित प्रभावों को लेकर चर्चा गर्म है। इस विनाशकारी चक्रवात ने श्रीलंका के साथ-साथ दक्षिण भारत के तमिलनाडु और आंध्र प्रदेश के तटीय क्षेत्रों में भारी तबाही मचाई है, जिससे आने वाले समय में प्याज की मांग में उल्लेखनीय वृद्धि होने की संभावना है।
श्रीलंका में इस प्राकृतिक आपदा ने 100 से अधिक लोगों की जान ली है और अनुमानित 6 लाख हेक्टेयर कृषि भूमि और बुनियादी ढांचे को व्यापक नुकसान पहुँचाया है। इस गंभीर क्षति के परिणामस्वरूप, श्रीलंका को अब भारत से प्याज सहित फल, सब्जियां और अन्य जरूरी सामानों की तत्काल आवश्यकता होगी।
चक्रवात के प्रकोप ने सिर्फ श्रीलंका को ही नहीं, बल्कि दक्षिण भारत को भी बुरी तरह प्रभावित किया है। तमिलनाडु के चेन्नई, कडलूर, नागपट्टिनम जैसे जिलों और आंध्र प्रदेश के तटीय इलाकों में भारी बारिश और बाढ़ की स्थिति बनी हुई है, जिससे फसलें खराब हो गई हैं और जन-जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। इस नुकसान के चलते, स्थानीय मंडियों के व्यापारियों का मानना है कि दक्षिण भारत में पुरानी रबी प्याज की मांग जल्द ही बढ़ेगी।
गौरतलब है कि श्रीलंका ने पहले अपने किसानों को बचाने के लिए भारतीय प्याज के आयात पर 50% शुल्क लगाया था, लेकिन अब आपदा के कारण, भारतीय प्याज का निर्यात दिसंबर के पहले या दूसरे सप्ताह से पहले ही शुरू होने की प्रबल संभावना है।
इस संभावित मांग वृद्धि के कारण, स्थानीय मंडियों में प्याज के दामों में स्थिरता बनी हुई है, और पिछले सप्ताह की तुलना में कीमतों में 50 से 100 रुपये प्रति क्विंटल तक की मामूली वृद्धि भी दर्ज की गई है। लासलगांव में प्याज का औसत दाम लगभग ₹1175 प्रति क्विंटल रहा, जबकि पिंपलगांव में यह ₹1200 प्रति क्विंटल तक बिका। व्यापारियों को उम्मीद है कि दक्षिण से घरेलू मांग बढ़ने और श्रीलंका को निर्यात जल्दी शुरू होने से प्याज के दाम स्थिर बने रहेंगे या उनमें और बढ़त देखने को मिल सकती है। आने वाले दिनों में यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि मांग किस गति से बढ़ती है और बाजार किस तरह प्रतिक्रिया देता है।